०९ गते जेठ । ऐतिहासिक आ धार्मिक दृष्टिकोणसे महत्वपूर्ण मधेशके बारा जिलामे पुरातात्विक महत्वके सम्पदा मिलइरहले । बाराके सिमरौनगढ क्षेत्रमे पुरातात्विक महत्वके सम्पदा धरतीसे मिलइत रहले । पोखरी खनेके चाहे जमिन खनजोत करेके आ इनार खनेके साथे खेतीबारी करेके क्रममे भी सिमरौनगढके आसपासमे पुरातात्विक महत्वके सम्पदा मिलइत रहले । एही क्रममे सिमरौनगढ नगरपालिका ६ के छोटका इटवाल गाँओमे करिया पत्थरके धार्मिक मूर्ति मिलल हए । सिमरौनगढ बजारसे कुछ ही दुरीपर रहल इटवालके धरतीमे आउर विभिन्न देवदेवीके साथे ऐतिहासिक आ पुरातात्विक महत्वसे प्रतिमा रहल स्थानीयवासीके अनुमान हए । छोटकी इटवालके एगो पोखरीके साफसफाइ करेके क्रममे विष्णु मूर्ति मिलल स्थानीय सुरेश महतोके कहनाम हए । चार फिट लम्बा आ अढाई फिट चौडा रहल विष्णु भगवानके मूर्ति खडा रहल अवस्थामे हए । विष्णु मूर्तिके हाथके निचा करिब कम्मरतकके उचाईतकके अन्य विभिन्न कलात्मक मूर्ति भी रहल हए । मूल मूर्ति भगवान विष्णुके रहल तथा दहिना आ बायाओर अन्य मूर्ति कलात्मक ढङसे सजाएलगेल अवस्थामे रहल हए । एकेगो पथलसे बनल जइसन रहल मूर्ति कलाके दृष्टिकोणसे भी महत्वपूर्ण रहल हए । मध्यकालमे राजधानी रहल सिमरौनगढके आसपासमे धरतीसे मिलेवाला मूर्तिके भी मध्यकालके रहल अनुमान स्थानीयवासी करते आरहल हए । मिलल मूर्तिके स्थानीय हनुमान मन्दिरमे राखलगेल हए । मूर्ति प्राप्त होएलापर स्थानीयवासी श्रद्धा आ भक्तिके साथ पूजापाठ करइत मूर्तिके हनुमान मन्दिरतक पुगएले रहे । कुछ महिना पहिले भी एगो प्राचीन महत्वके मूर्ति सिमरौनगढ क्षेत्रमे मिलल रहे । सिमरौनगढके साथे आसपासके हरिहरपुर, कचोर्वा, खजानी, झवानी, ननसगरा ढाँट, अमृतगंज, नैकाटोला, इटवाल लगायतके गाँओमे ऐतिहासिक, पुरातात्विक आ धार्मिक महत्वके विभिन्न देवदेवीके मूर्ति समय समयपर मिलते आरहल स्थानीय पत्रकार रामेश्वर मेहताके कहनाम हए । सिमरौनगढके आसपासमे मिलरहल मूर्तिके एक जगह राखेके व्यवस्था करइत सम्भव होएलातक पूजापाठ करे मिलेवाला हिसाबसे संग्रहालय निर्माण करनाइ उचित रहल स्थानीयवासीके कहनाम हए । धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक आ पुरातात्विक महत्वके एनेओने रहल सामग्रीके संकलन कके एक जगह पूजा आ प्रदर्शनके साथे सुरक्षा होएके लेल संग्रहालयमे रखनाइ उचित रहल स्थानीय बुद्धिजीवीलोगके कहनाम रहल हए ।
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